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सिनेमा की सोच और उसका सच
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गज़ल की दुनिया में खास पहचान रखने वाले जगजीत सिंह को आज पूरी दुनिया ने उनके 77वीं बर्थ एनिवर्सरी पर पर याद किया..80 और 90 के दौर में गज़ल की दुनिया के इस सितारे ने लोगों के बीच अपनी खास आवाज का जादू चलाया...10 अक्टूबर 2011 को दुनिया से रुकसत होने से पहले जगजीत सिंह ने दुनियाभर में अपनी गज़ल और गायकी…
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पद्मावत से कमाए पैसे गिनते गिनते थक जायेगा बॉलीवुड

पद्मावत की राह के सभी रोड़ हट गये हैं। और ऐसा लगता है कि फिल्म एक भयंकर ओपनिंग लेने वाली है..संजय लीली भंसाली की इस बड़े बजट की फिल्म को हिन्दी के साथ साथ तमिल और तेलुगु में तो रिलीज़ किया ही जा रहा है साथ ही हॉलीवुड का बड़ा स्टुडियो…

अपनी बात कहने का तरीका नीलेश मिसरा से कोई सीखे!

जाने माने लेखक और रेडियो के जरिए देश कस्बे की कहानियां कहने वाले नीलेश मिसरा ने हालिया फ़िल्मफेयर अवार्ड पर सवाल उठाये हैं वो भी बड़े शानदार अंदाज़ में..नीलेश मिसरा ने सीधा सीधा तो फिल्मफेयर को निशाने पर नहीं लिया लेकिन अपने साथी गीतकार…

हिचकॉक की हीरोइन का हैरान करने वाला सच!

थ्रिलर फिल्मों के लेजेंड और दुनियाभर के फिल्मकारों के लिए आदर्श हिचकॉक के बारे में बड़ा खुलासा हुआ है…ये खुलासा उनकी बेमिसाल फिल्मों द बर्ड्स और मार्नी की हीरोइन टिप्पी हे़ड्रेन ने किया है..करीब 80 फिल्मों में काम कर चुकीं टिप्पी की पहचान…

पद्मावत देखेगा पूरा देश

   तो साहब..देश की सबसे बड़ी अदालत ने फैसला सुना दिया है...एक के बाद एक कई राज्यों में जो बैन फिल्म पद्मावत पर लगाने का चलन चल पड़ा था..उसे सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के खिलाफ़ करार दिया है. जाहिर है इस फैसले से प्रोड्यूसर्स राहत की सांस…

आज डायरेक्टर अली अब्बास ज़फ़र का बर्थ डे है

नाम- अली अब्बास ज़फर पेशा - फिल्म निर्देशक जन्म- 17 जनवरी, 1982 , देहरादून। जफ़र यशराज बैनक के प्रमुख डायरेक्टर हैं..उन्होने बतौर निर्देशक यश राज की फिल्म मेरे ब्रदर की दुल्हन से अपनी निर्देशकीय पारी का आगाज़ किया..फिल्म ने ठीक ठाक…

भारतीय “कहानी” की कोरिया में डिमांड

बॉलीवुड पर हमेशा से बाहर की फिल्मों से इन्सपायर होने का आरोप लगता रहा है...यहां तक कि कई बार ये आरोप भी कि कहानियां बिना क्रेडिट दिये चुराई भी गयीं..लेकिन ये तोहमत शायद इस न्यूज से धुल जाये क्योंकि ये भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के लिए बेहद फक्र…

अबरार..साहिर..गुरूदत्त और प्यासा..

गुरूदत्त जो प्यासा जैसा काम हमेशा से करना चाह रहे थे वो पहले स्थापित होना चाहते थे क्योंकि इंडस्ट्री का तब भी यही उसूल थी कि आपको आपकी हिट फिल्म के ज़रिए ही पहचान मिलती थी। हुआ भी ऐसा..दोनो ही फिल्मे (बाज़ी और मिस्टर एंड मिसेस ५५) कामयाब…