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सिनेमा की सोच और उसका सच
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100 साल सदाबहार देव आनंद

सदाबहार देव आनंद..जिनकी अदाकारी, स्टाइल और फैशन सेंस ने करोड़ों दर्शकों को अपना दीवाना बनाया...न सिर्फ फिल्मों की दुनिया में बल्कि निजी जिंदगी में भी देव साहब ने जिंदादिली से जीवन को जिया...26 सितंबर उनके जन्म के 100 साल पूरे हुए..भले ही वो…

‘राधे श्याम’ में पूजा हेगड़े के अभिनय ने सुपरस्टार प्रभास को किया प्रभावित

पूजा हेगड़े जल्द ही पैन-इंडिया फिल्म 'राधे श्याम' में बाहुबली स्टार प्रभास के साथ नज़र आने वाली हैं। यह फिल्म एक पीरियड रोमांटिक ड्रामा है जिसमें पूजा हेगड़े प्रेरणा की भूमिका में नज़र आएंगे। फिल्म से जुड़े एक सूत्र ने बताया,"प्रभास ने…

सदाशिव अमरापुरकर की अपने गांव को लेकर क्या थी ख्वाहिश जो रह गई अधूरी ?

अहमदनगर जिले के शेवगांव तालुका का अमरापुर गांव अभिनेता सदाशिव अमरापुरकर का पैतृक गांव है। हालांकि इस गांव को अमरापुरकर ने महज पांच साल की उम्र में ही छोड़ दिया था इसके बावजूद उनके बचपन की कई यादें आज भी इस गांव में मौजूद है। सदाशिव ने अपनी…

Birthday Special Dara Singh : जब खूंखार शेरों के साथ सो गए रुस्तम ए हिंद दारा सिंह

हज़ारों साल नर्गिस अपनी बे-नूरी पे रोती है ...बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदा-वर पैदा..अल्लामा इकबाल की ये शायरी रुस्तम ए हिंद दारा सिंह (Dara Singh) पर सटीक बैठती है. आज दारा सिंह की जयंती है. उनका जन्म 19 नवंबर को 1928 को अमृतसर…

Birth Anniversary : डॉक्टर श्रीराम लागू (Shriram Lagoo) जिन्होंने 42 साल की उम्र में रखा एक्टिंग में…

कुछ कलाकार अपने सफर और अदाकारी दोनों में दुर्लभ होते हैं. Shriram Lagoo उन्हीं में से एक थे. उनकी जीवन किसी प्रेरणा से कम नहीं. डॉक्टरी छोड़ एक्टिंग और नाटकों की दुनिया में रम जाने वाले इस महान कलाकार को फिल्मसिटी वर्ल्ड याद कर रहा है.

Birthday Special: हीरो बनने आए विनोद खन्ना को जब साइड विलेन बनना पड़ा

विनोद खन्ना का जन्म 7 अक्टूबर, 1946 को पेशावर, पाकिस्तान में हुआ था. विभाजन के बाद उनके परिवार ने मुंबई में आकर अपना जीवन शुरू किया. पिता किशनचंद्र खन्ना जो कि एक बिजनेसमैन थे वो नहीं चाहते थे कि विनोद फिल्मों में आएं लेकिन विनोद को शुरू से…

नसीरुद्दीन शाह : वो कलाकार जिसने अपने जिंदगीभर के अधूरेपन को उम्दा अदाकारी से भर दिया

एक बच्चा जो बचपन में बहुत शरारती था वो नैनीताल के बोर्डिंग स्कूल में गया तो अंदर से भरता चला गया. कलेक्टर पिता और दो पढ़ाकू बड़े भाइयों के बीच किताबों और नंबर्स की दुनिया में उसका जी न लगा. पिता डिप्टी कलेक्टर थे बच्चे के लिए डॉक्टरी पेशा…