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हिंदी सिनेमा के गोल्डन फिल्ममेकर ‘विजय आनंद’

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हिंदी सिनेमा में ऐसी कई प्रतिभाएं आई जिन्होंने अपने काम के दम पर नाम को रोशन किया बल्कि दर्शको की यादों में बस गए। कहना होगा कि जाने माने निर्देशक विजय आनंद भी एक ऐसी ही शख्सियत थे। फ़िल्मी गलियारों में विजय ‘गोल्डी‘ नाम से मशहूर थे। विजय आनंद को हिंदी सिनेमा का महान फ़िल्म निर्देशक का गौरव प्राप्त है। जबरदस्त फ़िल्ममेकर होने के साथ साथ वो एक सक्षम अभिनेता भी थे। नवकेतन बैनर के वो एक चिराग़ थे। विजय तीन भाई थे । चेतन आनंद,देव आनंद व विजय आनंद।

Vijay Anand

नवकेतन की ‘गाईड’ बड़े भाई देवआनंद की सबसे यादगार फ़िल्म मानी जाती है। इस लाजवाब क्लासिक को देव साहेब के छोटे भाई विजय ने ही निर्देशित किया था। विजय ने 1957 में ‘नौ दो ग्यारह’ से निर्देशन में कदम रखा । उसके उपरांत आपने जीवन में कई हिट फ़िल्में बनाई। इनमें काला बाज़ार, तेरे घर के सामने, गाईड, तीसरी मंज़िल, ज्वेल थीफ़, कहीं और चल, जॉनी मेरा नाम, तेरे मेरे सपने प्रमुख रहीं। गाईड सबसे चर्चित फ़िल्म थी।

Guide

आरके नारायण के उपन्यास पर  देव आनंद दो भाषाओं में ‘गाइड’ बना रहे थे। उनके बड़े भाई चेतन आनंद हिंदी और टेड डेनियलवस्की अंग्रेजी संस्करण का निर्देशन कर रहे थे। किसी वजह से चेतन को ‘गाईड’ बीेच में ही छोड़नी पड़ी । इस तरह ‘गाईड’ की जिम्मेदारी गोल्डी यानी विजय आनंद पर आ गई। गोल्डी ने कहा कि वे फिल्म की पटकथा अपने हिसाब से लिखेंगे। फिल्म का अंग्रेजी संस्करण हालांकि बॉक्स आफिस पर पॉपुलर नहीं हुआ। किंतु हिंदी संस्करण ने कमाल किया। कहा जाता है कि आर के नारायण के मुताबिक फिल्म मूल किताब से भी ज्यादा खूबसूरत बनी थी ।

Dev Anand Waheeda Rahman

घर के बैनर बाहर विजय ने भी बहुत कमाल कमाल की फिल्में दी। नासिर हुसैन की ‘तीसरी मंजिल’ आज भी मील का पत्थर मानी जाती है। गोल्डी के कहने पर फ़िल्म के संगीत के लिए आरडी बर्मन को चुना गया। फिल्म के गीतों की सफलता से आरडी बर्मन ने हिंदी फिल्म गीतों में नए आयाम जोड़े । पश्चिमी वाद्ययंत्रों के प्रयोग का श्रेय पंचम दा को ही जाता है। इस तरह से गोल्डी ने आरडी को अवसर देकर संगीत को भी नए आयाम दिए।

Teesri Manzil

गुलशन राय की ‘त्रिमूर्ति फिल्म्स’ के तले बनी ‘जॉनी मेरा नाम’ को भी विजय आनंद की यादगार फ़िल्म कहा जाता है । बड़े भाई देव आनंद अभिनीत यह फ़िल्म आज भी याद आती है। विजय आनंद अपनी फिल्मों के गानों के लिए जाने जाते थे।

Johnny mera naam

वह अपने गाने कुछ ऐसे फिल्माया करते थे की देखनेवाले पर जादू छोड़ जाए। गाईड तथा तीसरी मंजिल जैसी फिल्मों के गाने इसी बात का जीवंत उदाहरण हैं। गाईड में आपकी हीरोइन रहीं वहीदा रहमान के मुताबिक विजय अभिनेता से अधिक बेहतर निर्देशक थे । निर्देशन विजय का सबसे अधिक मजबूत पहलू था।

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