Interview Kriti Sanon : ‘मेरे पास चीज़ों को जल्दी समझने की क्षमता है’
फिल्म पानीपत में Kriti Sanon के काम की काफी तारीफ हो रही है..उनसे फिल्म और किरदार पर खास बातचीत की हमारी रिपोर्टर अदिति गुप्ता ने…
Reporter : कृति( Kriti sanon) कितना मुश्किल था मराठी में डायलॉग बोलना या उनकी खूबियां निभाना ?
Kriti- मैं सोचती हूँ कि अगर आप अपना काम एन्जॉय करने लगें तो फिर वो काम मुश्किल नहीं होता.. हाँ पर किरदार के लिए अपने आपको विश्वास दिलाना होता है कि आप ये रोल करते वक्त इस समय के नहीं हैं और आप दूसरे युग में हैं। ये जरूरी था क्योंकि कभी कभार हमारे एक्सप्रेशन और कुछ रिएक्शन बड़े आज के लगने लगते थे। तो मेरे लिए यह चैलेंजिंग था..बाकी मराठी कैरेक्टर निभाना इतना मुश्किल नहीं था। मुझे लगता है कि मेरे पास चीज़ों को जल्दी समझने की क्षमता है.. मैं अच्छे से बोल पाती हूँ.. जब मैंने तेलूगु फ़िल्म की थी तो मुझे तेलगु नहीं आती थी और मेरे पास कई कई पेज के डायलॉग आते थे लेकिन जब मैं उन्हें बोलती तो वो लोग बोलते थे कि आप बहुत अच्छा बोल लेती हैं। तो जब मैंने अपनी डायलॉग ट्रेनिंग शुरु की पानीपत के लिए तो मैं ये निश्चित करना चाहती थी कि जो कुछ भी मराठी में बोल रहीं हूँ फ़िल्म में वो विश्वसनीय लगना चाहिए। ये बहुत ख़ूबसूरत भाषा है ..हमेशा मैं सेट पर आशु सर से पूछती थी कैसे बोलना चाहिए किसी खास वाक्य को। मुझे मराठी लहजा और बाकी बातें किरदार के साथ पसंद आने लगीं थीं..मुझे लगता है कि जब आप अलग भाषा मे बोलते हैं और जब वो नवारी साड़ी,खोपा,नथ आपके उपर आती है तो आपको बदलाव दिखने लगता हैं..आप अपने आप हाथ कैसे रखते हो आपकी बॉडी लैंग्वेज कैसी है और साथ ही साथ सोच में भी महाराष्ट्रीयन तौर तरीके आने लगते हैं । रही बात पार्वती बाई की तो पार्वती बाई कोई ऐसा महिला नहीं है, जिसका जन्म बहुत अधिक रॉयल्टी में हुआ हो.. वह साधारण ब्राह्मणी है..तो बहुत कुछ फिल्म के लिए आशु सर की मदद से मैने पेश करने की कोशिश की है।
रिपोर्टर- आपने कुछ रिसर्च की फ़िल्म के लिए?
कृति – मेरी हिस्ट्री बुक आशु सर थे.. उन्हें सभी किताबोंं से ज्यादा पता रहता है.. उनको छोटी से छोटी बात पता होती थी.. वो बहुत इंटरेस्टेड थे इस विषय पर..एक डायरेक्टर के लिए आसान नहीं था कि वो 3 घंटे में इतनी विस्तार भरी कहानी पेश करे वो सिर्फ आशु सर कर सकते हैं।
रिपोर्टर –. आशु सर की कौन सी फ़िल्म आपको सबसे ज़्यादा पसंद हैं और क्यूँ?
कृति- कौन सी ऐसी है जो नहीं पसंद.. मुझे लगान पसंद हैं,स्वदेस पसंद है अगर मै बात करूं हिस्टॉरिक फ़िल्मों की थो मुझे जोधा अकबर बहुत पसंद है अगर आप देखें तो जोधा का कैरेक्टर बहुत पावरफ़ुल लिखा गया है ..मेरा उस फिल्म में पसंदीदा सीन है जिसमें ऋतिक सर के साथ ऐश्वर्या मैम का लड़ाई का सीन है। मुझे देखते हुए सबसे पहले ये ख्याल आया कि मुझे भी ये करना है।