सैय्यद बद्र-उल हसन ख़ान बहादुर जिन्हें हममें से बहुत कम लोग जानते हैं..उनका फिल्मी नाम पप्पू पॉलिस्टर था..पप्पू पॉलिएस्टर अवध की रॉयल फैमिली से ताल्लुक रखते थे…यही वजह थी कि 150 किलो वजनी इस कलाकार की जुबान में और खासकर उर्दू बोलते वक्त एक अलग स्तर झलकता था..उनके दादा नवाब सुल्तान बहादुर एक फ्रीडम फाइटर थे जिनका संबंध नवाब वाजिद अली शाह से था…पप्पू पॉलिएस्टर ने अपने 25 साला फिल्मी करियर में फिल्मों, नाटकों और कमर्शियल की दुनिया में अपना डंका बजाया..हिन्दी, उर्दू, पारसी, अरबी, अंग्रेजी, पंजाबी, अवधि के अलावा वो भोजपुरी भी बेधड़क बोल सकते थे। उन्हे पहली बार पहचान मिली 90 के दशक के मशहूर टीवी सीरियल द स्वोर्ड ऑफ टीपू सुल्तान से..जिसमें उनके हक से निभाया गया मैसूर के महाराजा का किरदार लोगों ने खूब पसंद किया… उसके बाद पप्पू ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा..मुंबई के ओशिवारा लिंक रोड पर उनके घर के सामने के चौराहे को नंदी चौक का नाम दिया गया है क्योंकि कई धार्मिक सीरियल में उन्होने नंदी बैल की भूमिका में काफी पहचानन दी थी। मुंबई के ओशिवारा लिंक रोड पर उनके घर के सामने के चौराहे को नंदी चौक का नाम दिया गया है क्योंकि कई धार्मिक सीरियल में उन्होने नंदी बैल की भूमिका में काफी पहचानन दी थी।
उनकी लोकप्रिय फिल्मों की बात करें तो –जोधा अकबर, फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी…खोया खोया चांद, फरिश्ते, महाराजा, फूल और अंगार, तेरे मेरे सपने, बादल, आधा इंतेकाम, तुमसे अच्छा कौन है..मेरी श्रीमती, आप मुझे अच्छे लगने लगे, हीरो हिन्दुस्तानी, क्रांति, धुंध, दिल ढुंढता है, ये मोहब्बत है, शबनम मौसी, हिन्दुसतान की कसम, लागी प्रेम अगन, शामिल रहे।
टीवी सीरियल जो लोकप्रिय रहे- प्रतिज्ञा, ये प्यार न होगा कम, शोभा सोमनाथ की, आयाराम-गयाराम, जय मां वैष्णो देवी, जय हनुमान, द ग्रेट मराठा, ताक झांक, मां, चंद्रकान्ता , ओम नम: शिवाय, नायक, कैप्टन हाउस, पानीपत की आखिरी जंग, श्री गणेश, नमो नारायण, जन्नत, 1857. जब तप व्रत, रिपोर्टर, चाणक्य, करामाती, अदालत, न्याय, बानो बेगम, भगवान श्रीहरि, मुझसे दोस्ती करोगे, सोनपरी, फैमिली बिजनेस, कहकंशां, दरीचा, हवाएं, सीआईडी, आहट, ब्लैक, होटेल ट्रैफिक जाम, हम इंतजार करेंगे..श्रृंगारदान, हम साथ साथ हैं, खट्टा मीठा, अलबेली, खेल खेल में, जेल में है जिन्दगी, युग, आगे आगे देखिए होता है क्या, जिन्दगी एक सफर, पड़ोसन, विकी की टैक्सी, अंबर धारा, बात बन जाये, जय संतोषी मां और अन्य टीवी पर किये गये उनके ढेर सारे काम के सिर्फ लोकप्रिय नामों में से एक हैं…
आज फिल्मसिटी वर्ल्ड की टीम ने उन्हें याद किया..