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INTERVIEW RAKUL PREET SINGH : वक्त बर्बाद करना कभी नहीं सीखा

फिल्म दे दे प्यार दे की कामयाबी से रकुल काफी उत्साहित हैं.. RAKUL PREET SINGH से फिल्मसिटी वर्ल्ड संवाददाता शौनक जैन ने पूछे कुछ खास सवाल जिनका बेबाकी से रकुल ने दिया जवाब..पूरा इंटरव्यू यहां पढ़िए।

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रिपोर्टर -क्या आप सच में 50 साल के व्यक्ति के साथ प्यार कर सकती हैं?
RAKUL PREET SINGH– पता नहीं यार मैं तो अभी भी प्यार होने के इंतज़ार में हूँ |तो अगर नार्मल नहीं हो रहा है तो शायद अगर कोई बड़ा आदमी भी मिल जाये तो क्या पता|

रिपोर्टर -कितना मुश्किल या आसान रहा अजय देवगन के साथ रोमांस करना?
रकुल– मुश्किल तो बिलकुल नहीं रहा| मुझे लगता है कि वो इतने प्रोफेशनल और सिन्सेयर अभिनेता है और मैं उन्हें शुक्रिया कहना चाहूंगी क्यूंकि उन्होंने मेरे लिए इतना कम्फर्टेबले बनाया इसे । मैं अपना सौ प्रतिशत सिर्फ तभी दे सकती हूँ जब वो आइस-ब्रेकिंग हो और अजय सर के साथ काम करना बहुत आसान था, सेट पर बहुत कम्फर्टेबल और खुश माहौल बना रहता था …सभी के साथ अजय सर , मेरे डायरेक्टर अकिव सर, लव सर और जब तब्बू मेम भी आती है तो बहुत अच्छा माहौल रहता था।

रिपोर्टर-तब्बू के साथ काम करना कैसा रहा?
रकुल- वो भी एक बहुत शानदार लेडी हैं जिनके साथ मुझे काम करने का मौका मिला। मुझे कभी भी ऐसा नहीं लगा कि मैं एक न्यूकमर हूँ या मुझे कभी बाजू में कर दिया गया है, खासकर कि ऐसी फ़िल्म के लिए जिसमे मुझे एक तरफ ये दिखाना है कि मेरे और अजय सर के बीच का प्यार और तब्बू मैम के साथ अलग खेल।तो इसीलिये वो कम्फर्ट रहना चाहिए था जो उन दोनो ने मुझे दिया। और जब आप अच्छे अभिनेताओ के साथ काम करते है तब आप खुद ब खुद बहुत कुछ सीखते हैं और खुद को आगे धकेलेते हैं। एक्टिंग एक्शन रिएक्शन के बारे में है तो जब आपके सामने का एक्टर इतना स्ट्रांग है तो आपको पता भी नही चलता और आपका परफॉरमेंस भी डबल हो जाता।

रिपोर्टर -एक बात सच बताइये, आपके सामने दो महान अभिनेता थे जिन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है तो क्या आपको पहले कुछ दिनों तक डर लगा?
रकुल- नही डर नही लगा क्योंकि ये मेरी पहली फ़िल्म नही थी और मैं किसी और का तो नही कह सकती हूँ पर मैं एक ऐसी व्यक्ति हूँ जो इससे डरने की जगह और उत्साह से भर जाऊंगी ये चैलेंज देख कर। मुझे लगता है कि oh! कल पहला दिन है तो देखते है मैं कैसा करती हूँ और मुझे ये हमेशा से चाहिए था और जब मैंने पहली बार एक्टर बनने का सोचा तब मुझे भी बड़े बड़े कलाकारों के साथ काम करना था और अब मुझे मौका मिला है और अगर मैं यह नर्वस एनर्जी लेकर आती हूँ तो मुझे यहां होने का कोई हक़ नही है। मैं उल्टा और भी ज़्यादा उत्सुक हो जाती हूँ ये देखने कि मैं इतने बड़े अभिनेता के सामने कितना अच्छा काम करूँगी। मुझे याद है कि लव सर ने बोला था मुझे कि अब तू देख ले, सोच ले पर मुझे ऐसा लगता है कि अगर तू दो सॉलिड एक्टर्स के साथ काम करेगी और लोग तुझे देखेंगे तो वो तेरे लिए बड़े गर्व की बात होगी। इसीलिए ट्रेलर आने के बाद मैं इतनी भावुक हो गई जब मुझे लोगो के मैसेजेज आये कि wow! तुमने अच्छा किया है और लोगो ने मुझे देखा और मुझे लव सर की बात याद आयी और मैंने उन्हें मैसेज भी किया कि मुझे आएशा का रोल देने के लिए शुक्रिया

रिपोर्टर – बॉलीवुड में आपकी एंट्री काफी स्लो रही है। यारियां के बाद ऐय्यारी और अब सीधे दे दे प्यार दे। तो बीच में आपने तय नही किया या कोई और वजह?
रकुल- देखो यार इसके बीच मैने 17 फिल्में तेलुगु में की है तो साल में 365 दिन ही होते है तो बस ऐसे ही हुआ और मैने कभी ऐसा सोचा नहीं था। यारियां के बाद मेरी तेलगु फ़िल्म आयी जो यारियां के 2 महीने पहले ही रिलीज हो गयी। फिर मैने एक फ़िल्म शूट की रमेश सिप्पी जी के लिए ‘शिमला मिर्ची’ पर वो किसी कारण से रिलीज नही हुई। फिर मैं धोनी करने वाली थी लेकिन डेट्स में प्रॉब्लम आ गयी। तभी राम चरण,अल्लुअर्जुन और महेश बाबू की एक ही समय पर फिल्में मिलीं तो ईसलिए नहीं कर पाई।फिर ऐय्यारी के आने पर मैने कहा कि अब मैं ये करूँगी और उसके रिलीज के पहले दे दे प्यार दे साइन कर दी थी और मरजावां भी साइन कर दी है तो मैं सब बैलेंस करने की कोशिश कर रही हूँ अब।

रिपोर्टर – NTR की बायोपिक में आपने श्रीदेवी का किरदार निभाया…तो आपके लिए वो कितना खास था?
रकुल-  बहुत खास था। हालांकि वो सिर्फ 4-5 दिन का काम था लेकिन बस वो बात कि मुझे उनका किरदार निभाने को मिला और पहली बार किसी को वो मौका मिला..मैं उनके जैसी कभी नही बन सकती हूँ बस थोड़ा उनके जैसी बनने की कोशिश की और उनके जैसा प्रोजेक्ट करने को मिला वो अपने आप में बड़ी बात है।

रिपोर्टर- अच्छा हमे अपने बचपन के क्रश या पसन्दीदा हीरो के बारे में बताइये?
रकुल– नहीं कोई हीरो तो नही था क्योंकि मैने फिल्में ज़्यादा नहीं देखी बचपन में। हा, क्रश तो थे। एक्टर तो सबसे ज़्यादा मुझे रणवीर सिंह ही पसंद हैं। जब वो बैंड बाजा बारात में आये तभी मैने कहा कि क्या परफ़ॉर्मर है ये। रणवीर मेरे पहले सेलेब्रिटी क्रश थे और ये तो उन्हें भी पता है।मैं जब यारियां कर रही थी तभी एक अवार्ड शो पर मैं रणवीर से मिली और मैं चौंक गई थी कि में रणवीर से मिली।

रिपोर्टर -आपके फिल्मी करियर की शुरुआत कैसे हुई?
रकुल- मुझे हमेशा से ही अभिनय करना था पर पता नहीं था कैसे करे। तो मैने इसीलिए मिस इंडिया में भाग लिया। मेरे पापा ने कहा कि पहले 18 की हो जाओ और फिर अपनी तस्वीर खिंचवा लो। उसके एक हफ्ते बाद मुझे साउथ से फ़ोन आता है एक कन्नडा फ़िल्म के लिए और मुझे पता भी नही था की दक्षिण में भी इंडस्ट्री है। तो मैने बोला कि नहीं नहीं मैं हिंदी फिल्मों में काम करूँगी जैसे कि मै कोई बहुत बड़ी स्टार पहले से ही हूँ। फिर उन्होंने मेरे पापा को फ़ोन किया और कहा कि हमने उसकी डेट ऑफ बर्थ देखी है और वो एक बड़ी स्टार बनने वाली है और आपको उसे एक्ट करवाना चाहिए। फिर मैने हाँ कर दिया। वो मुझे 5 लाख दे रहे थे और मेरी पॉकेट मनी 2000 थी तो बस कर लिया। तो मैं वो फ़िल्म शूट करने के साथ साथ कॉलेज में भी थी और मेरा अटेंडेंस थोड़ा कम हो गया। फिर मुझे समझ में आया कि मैं एक्टिंग तो करना चाहती हूँ पर पहले कॉलेज खत्म करूँगी। मुझे पता नहीं था कि ऐसा नहीं करते। मुझे लीड एक्टर के रोल के लिए ऑफर आते और मैं कहती की नहीं नहीं मुझे सिर्फ 6-7 दिन का काम दीजिये। एक बार पुरी जग्गनाथ( साउथ के बड़े डायरेक्टक) ने मुझे और मेरे पापा को बुलाया और कहा कि ये डिग्री क्या ये अपने गले में टाँगेगी? लेकिन मैं हमेशा से ही ऐसी रही हूँ कि मुझे एक डिग्री बैकअप के तौर पर चाहिये ही थी क्योंकि ज़िन्दगी इतनी अनसर्टेन है। मुझे कभी भी स्ट्रगलर नही रहना था। फिर मैने कॉलेज के बाद मिस इंडिया किया और बॉम्बे आई। यहां काफी फिल्मो के लिए ऑडीशन दिया।यारियां मेरा दूसरी या तीसरी ऑडिशन थी और फिर यारियां की अनाउंसमेंट के बाद दक्षिण में लोगो को समझ में आया कि ये फिल्मो में वापस काम करने को तैयार है और मुझे अपनी पहली तेुलुगु फ़िल्म मिली। और फिर वो हिट हुई और बस यही है कहानी।

रिपोर्टर -क्या फर्क नज़र आता है आपको बॉलीवुड और साउथ की फिल्मो में और काम करने के तरीको में?
रकुल– मुझे लगता है कि ज़्यादा फर्क नही है। बाहुबली के बाद तो सबको सब कुछ पता है कि कहां क्या हो रहा है। यहां के अभिनेता वहां काम कर रहें हैं और वहां से यहां काम करने आ रहें हैं तो मुझे नही लगता कि काम करने के तरीके ज़्यादा अलग है।हां ये है कि वहां पर शाम 6 बजे पैकअप हो जाता है अनलेस डेट्स का कुछ इशू हो और यहां बॉलीवुड में 9am तो 9pm की शिफ्ट होता है।

रिपोर्टर -अब आप अपने करियर के उस मुकाम पर हैं जहां आप फ्रेश हैं लेकिन बहुत नई भी नहीं क्योंकि आपके पास इन फिल्मों का अनुभव है। तो अब आपको क्या लगता है कि आपको किस चीज़ पर ध्यान देना है और बेहतर करना है आगे जाने के लिए ?
रकुल- मुझे लगता है कि कमी तो हर किसी में किसी न किसी चीज़ की होती ही है और हम हर बार डेवलप करते हैं खुद को। एक एक्टर को तो कभी नहीं सोचना चाहिए कि उसे सब कुछ आ गया है क्योंकि आपको कभी भी ऐसी जगह डाल सकते हैं जहां आपको एक साथ 10 भावनाएं दिखानी होंगी। इसीलिए हम हर पल सीख रहें हैं और मुझे तो लगता है कि मुझे कुछ भी नही आता है, मैं यहां सीखने के लिए आयी हूँ और मैं एक ही बात कह सकती हूँ कि मैं सबसे ज़्यादा मेहनत करूँगी अपने काम में। मेरी सबसे अच्छी बात ये है कि मैं मेहनती हूँ। अगर कोई मुझ पर दांव लगा रहा है मैं पूरी मेहनत करूँगी क्योंकि वो मेरे हाथ में है। हम हर दिन कुछ सीखते हैं और जब मैं डायरेक्टर से मिलती हूँ तब मैं एक ओपन स्लेट हूँ ताकि मैं उनकी बात समझ सकूं और अपनी समझ को आगे लेकर आउं और फिर उससे एक प्रोडक्ट बनाऊं।इसलिए मेैं हर वक़्त सीख रही हूँ और मेैं कड़ी मेहनत में विश्वास करती हूं।

रिपोर्टर –  बॉलीवुड एक मल्टी टैलेंटेड लोगों की इंडस्ट्री बनती जा रही है तो क्या आप में कोई ऐसा हिडन टैलेंट है जो आप दिखाना चाहेंगी?

रकुल- मुझे पता नही कि  कोई हिडन टैलेंट है या नहीं पर मुझे लगता है कि मेरी सबसे बड़ी खूबी ये है कि मैं एक मल्टी टास्कर हूँ। मेैं गाने तो नहीं गा सकती हूँ लेकिन मैं स्पोर्ट्स खेलती हूँ, मेहनत करती हूँ और बिना रुके 60 घंटो तक काम कर सकती हूँ..और ये बात मैं सिर्फ बोलने के लिए नहीं बोल रही ये तो मैने किया भी है। डे शूट यहां फिर नाईट शूट साउथ में..पहले हैदराबाद फिर मुंबई और आप मेरे चेहरे से भांप भी नही पाएंगे कि मैं 6 घंटे सोई नही हूँ। मैने कई बार ऐसा किया है क्योंकि मैं काम की भूखी हूँ ..कई बार लोग ऐसा बोलते हैं कि अभी टाइम नही है लेकिन अगर मुझे सच में कुछ करना है तो मेैं वह करने के लिए टाइम निकालूंगी। मेैं एक पूरी वर्कोहॉलिक गर्ल हूँ। मेरी मां मुझे कहती रहती है कि कुछ टाइम खुद को भी दे दिया करो।

रिपोर्टर -आपने मां का जिक्र किया तो ये बताएं कि आपकी लाइफ में आपने अपनी मम्मी से क्या क्या सीखा?
रकुल- मेरी मां को ऐसा लगता था कि उनके बच्चों को कुछ अच्छा करना चाहिए क्योंकि वो थोड़ी शार्ट हैं हाइट में तो वो हमे लटका देती थीं ताकि हम लंबे हो सकें।उन्हें उनके बच्चो को मल्टी टास्कर बनाना था। वो हमेशा कहतीं कि हमे जैक ऑफ आल.. मास्टर ऑफ वन बनना है।तो हर स्पोर्ट जैसे लॉन टेनिस, कराटे,हॉर्स राइडिंग, बैडमिंटन हर एक की ट्रेनिंग मिली हमें। मेरे पहले कक्षा से हर बच्चा घर घर खेलता लेकिन हम क्लासेज जाते 3 से 7 फिर आकर होमवर्क करते और सोते। पर जब मैं थोड़ी बड़ी हुई तो मुझे समझ आया। मेरी मां ने बहुत कुछ त्याग किया है। एक आर्मी अफ़सर होने की वजह से गोल्फ जैसा महँगा खेल प्रोफ़ेशनल लेवल पर खेलना मुश्किल है तो मेरी मां हमारे साथ आती थीं और रेंज में खड़ी होकर बतातीं थी कि यही मारना बॉल्स। वहीं स्कूल में जॉब करना जहां हम पढ़ते थे। उन्होंने हमारे लिए इतना किया ताकि हम आलराउंडर्स रहें और कोई कभी ये न कह सके कि हमें ये नही आता है।  मां ने ही मुझे मॉडलिंग के लिए आगे धकेला। आज भी हर शाम मुझे वो बताती है कि मुझे ये अच्छा लगा जो तब पहना और वो अच्छा नहीं था। तो मेैं जो भी हूँ उसके लिए मैं उनका शुक्रिया अदा करना चाहती हूँ।और मुझे ये बात बड़ी होने बाद समझ आई की इसकी वजह से मैं इतनी प्रोडक्टिव हूँ क्योंकि मैने वक़्त बेकार करना कभी सीखा ही नहीं। और अभी मैं एक अभिनेत्री हूँ तो उस समय की वजह से मुझे बहुत आसान हो जाता है मेरा काम और मेै मज़े लेती हूँ और थकती नहीं हूँ। मेरी मां हमेशा मेरे साथ फ़ोन पर होतीं हैं। खाना खाया कि नही उनका मनपसंद सवाल है।

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