1980 में सईद अख्तर मिर्ज़ा की फिल्म आई थी ‘albert pinto ko gussa kyun aata hai’ …और अब एक मॉडर्न टेक लेते हुए इसी कहानी को दोबारा लेकर आए है सौमित्र रानाडे….फिल्म में मानव कौल, नंदिता दास और सौरभ शुक्ला मेन लीड में है….फिल्म को लेकर मानव कौल ने हमारे संवाददाता आकाश गाला से कुछ दिलचस्प बातचीत की.बातचीत का ब्यौरा पेश कर रहीं हैं हमारी सीनियर राइटर प्राची उपाध्याय….
REPORTER- मानव इस फिल्म का प्लॉट क्या है….क्यों आप इस फिल्म में इतना गुस्सा है ?
MANAV- फिल्म का नाम ही यही है कि Albert pinto ko gussa kyu aata hai…और ये एक मिडिल क्लास आम आदमी की कहानी है…जो कि बहुत हेल्पलैस है, उसे बदलाव चाहिए, वो हिपोक्रेसी और जिस तरह की सोसाइटी में हम रहते है उसके अगेंस्ट में है…तो उसी को लेकर उसके अंदर गुस्सा है और वो कुछ करना चाहता है….
REPORTER- इसी नाम से एक फिल्म 1980 में भी बनी थी….तो दोनों का प्लॉट कितना रिलेटेबल है ?
MANAV- देखिए 1980 मूलत: मिल वर्कर्स पर थी और उसमें नसीरउद्दीन शाह मिल वर्कर ही थे…तो फिल्म की आत्मा वहीं ही है बस कैरेक्टर और स्टोरीलाइन आज के मौजूदा हालात के अनुसार है…देखिए देश बदल गया है काफी कुछ बदल गया है तो उसी के अकॉर्डिंग फिल्म की स्टोरीलाइन है…मतलब बात ये ही है कि आत्म वहीं है लेकिन किरदार और कहानी जुदा है….
REPORTER- आप नंदिता दास के अपोजिट काम कर रहे हैं…वो एक बेहद शानदार एक्टर है और आप दोनों ही राइटर भी है….तो इस चीज ने फिल्ममेकिंग में कैसे contribute किया ?
MANAV- देखिए वो एक राइटर, डायरेक्टर, एक्टर हैं, मैं एक राइटर डायरेक्टर, एक्टर हूं, सौरभ शुक्ला एक राइटर, डायरेक्टर, एक्टर हैं….तो हम तीनों ही इस फिल्ड को बेहद गहराई से जानते हैं….तो फिल्म शुरू होने से पहले हम सब साथ बैठे, डिस्कशन किया, रिहर्सल किया…और एक राइटर, डायरेक्टर, एक्टर होने के नाते हमें फिल्म के लिए जो भी बेहतर लगा हम ने वो सब किया…
REPORTER- तो क्या आपके और नंदिता या फिर सौरभ के व्यूज में किसी तरह का कोई मतभेद हुआ….जैसे वो कुछ कह रहे हों और आप कुछ और ?
MANAV– देखिए जैसे हमनें स्क्रिप्ट पढ़ी और हम सब ने फिल्म में फ्री में काम किया है….मैंने, नंदिता ने, सौरभ ने…हम ने फ्री में इस लिए काम किया क्योंकि हम कहानी बेहद पसंद आई, सौमित्र का आईडिया बेहद पसंह आया….तो फिर वहां पर किसी तरह के कोई मतभेद का तो कोई सवाल ही नहीं उठता है ना…हम लोग तो ये डिस्कस करते थे कि कैसे इसको और बेहतर बना सकते हैं….लेकिन एंड ऑफ दी डे ये सौमित्र रानाडे की ही कहानी है…तो एक्टर को डायरेक्टर के आगे सरेंडर करना ही पड़ता है…

REPORTER- मानव आपने किताब लिखी है, आप थिएटर और प्ले में इतने एक्टिव हैं…इतनी शानदार फिल्में कर रहे हैं….तो आपको खुद को पर्सनली कौन सा मीडियम सबसे ज्यादा पसंद हैं ?
MANAV– मैंने अबतक तीन किताबें और कई प्ले लिखे हैं….तो मुझे सब पसंद है…जिंदगी का हर पहलू पसंद हैं….शाम को टहलने से लेकर ट्रैवल करने तक, लिखने से लेकर एक्टिंग करने तक….कोई एक चीज नहीं बल्कि हर चीज मेरे लिए बेहद खास है….क्योंकि देखिए जिंदगी में केवल एक चीज करना कितना बोरिंग हो जाता है जब आप इतना कुछ कर सकते हो…
REPORTER- तो आपने कभी अपनी खुद की कोई फिल्म लिखने का सोचा है ?
MANAV- मैंने एक फिल्म डायरेक्ट की है ‘HANSA’ वो यूट्यूब पर मौजूद है…और एक और फिल्म है जो अभी पोस्टप्रोडक्शन के प्रोसेस में है…मैं अपनी फिल्में करता हूं लेकिन मैं कोई कमर्शियल फिल्म नहीं करना चाहता…
REPORTER- आपकी जर्नी क्या रही है….आप कश्मीर से वास्ता रखते है…तो आपने कैसे फिल्म इंडस्ट्री में किस तरह दाखिल हुए…
MANAV- देखिए मैं जिद्दी था….जब मैं मुंबई आया तब मैं बेहद यंग था करीब 21-22 साल का….तो मैंने अपनी जिंदगी के बारे में ज्यादा कुछ सोचा नहीं था कि क्या होगा कैसे होगा….तो जब आप यंग होते हो, जिद्दी होते हो तो आप रिस्क लेने से डरते नहीं हो…तो मैंने वो रिस्क लिया और मैं आज अपने उस फैसले से खुश हूं….

REPORTER- तो क्या आप हमेशा से ही एक्टिंग, मॉडलिंग करना चाहते थे ?
MANAV- मुझे बैसिकली अब नहीं पता कि मैं क्या करना चाहता हूं…मैं बस एक एक्साईटिंग लाईफ जीना चाहता हूं…तो उसमें एक्टिंग शामिल हो या ट्रैवलिंग शामिल हो या राइटिंग शामिल हो….जो भी हो मैं वो करना चाहता हूं….मैं डरता नहीं हूं कि क्या होगा बस मेरी जिंदगी एक्साईटिंग होनी चाहिए, वरना फिर जीने का फाय़दा ही क्या हुआ…
REPORTER- तो अब अल्बर्ट पिंटो के बाद क्या फिर ?
MANAV- इसके बाद 19th अप्रैल को एक नेटफ्लिक्स ओरिजिनल ‘Music Teacher’ रिलीज हो रही है….तो मैं उसको लेकर भी काफी एक्साईटिड हूं…म्यूजिक टीचर एक शानदार लवस्टोरी है, जिसे सार्थक दासगुप्ता ने लिखा और डायरेक्ट किया है…इसमें मेरे अलावा दिव्या दत्ता, अमृता बग्ची, नीना गुप्ता हैं…
