INTERVIEW SHAHRUKH KHAN: आमिर की वजह से मिली “सारे जहां से अच्छा”
shahrukh khan बता रहे हैं कि क्यों zero का बउआ सिंह है उनके लिए हीरो और आमिर ने कैसे दिलायी पहली अंतरिक्ष यात्री वाली फिल्म..
बॉलीवुड के किंग खान अपनी आनेवाली फिल्म ZERO के प्रमोशन में जी जान से जुटे हुए है…और फिल्म में उनके किरदार बउआ सिंह को लोगों का काफी अटेंशन भी मिल रहा है…SHAHRUKH KHAN से इसी सिलसिले में हुई खास बातचीत का ब्यौरा पेश कर रहीं है हमारी सीनियर राइटर प्राची उपाध्याय..
REPORTER-आमतौर पर स्टारडम के बाद एक्टर का कद बढ़ जाता है, यहां पर कद छोटा करके आपने कैसा महसूस किया ?
SHAHRUKH – मुझे ऐसी फिलिंग आती है कि जब आप कोई भी किरदार प्ले करते हो तो उसमें कोई ना कोई अनोखी बात होनी चाहिए…हम लोग ज्यादातर larger than life हीरो बेचते है…जो सबसे सुंदर होता है, मोटरसाइकल सबसे तेज चलाता है, उसके 6 pack abs होते है, मैनें खुद किया हुआ है ऐसा…लेकिन असली हीरो जमीनी लोग होते हैं…So, I really believe कि हीरो जो हो वो smaller than life हो…तो फिर जब आपको फिजिकली भी छोटे रोल करने को मिले और अगर मैं उसमें आपका हीरो बन सकूं…तो वो काफी दिलचस्प होगा…
REAPORTER- ज्यादातर हमने देखा कि लोग तरस खाते हैं ऐसे किरदार के साथ….लेकिन ट्रेलर में ऐसा नहीं लगा…तो फिल्म में शुरू से आखिर तक ऐसी ही रहेगी या थोड़ा इमोशनल एंगल भी रहेगा ?
SHAHRUKH– दरअसल 1-2 जगह पर लोगों को दिक्कत भी होगी बउआ से…क्योंकि लड़कियों ने फिल्म देखी है तो उनके मुताबिक, ‘ओह हो ये कितना mean हैं…तो वो mean नहीं है, वो वहीं है जो है…उसने किसी के लिए अपने आप को बदला नहीं है…और ये बराबरी की फिल्म है… फिल्म में अनुष्का भी उसको इसलिए पसंद करती है क्योंकि जब वो उससे मिलता है तो उस पर तरस नहीं खाता है कि अरे बेचारी व्हील चेयर पर है…वो उससे नॉर्मल बात करता है….इस फिल्म में हर किरदार में कमी है, लेकिन कोई भी ऐसा सीन नहीं है जहां आपको उनसे सहानभूति होगी…क्योंकि अगर हम उनको सहानभूति दिखाएंगे तो उनको लगेगा कि हम उन पर तरस खा रहे हैं…तो इसलिए बउआ का कैरेक्टर आखिर तक एक जैसा ही रहता है…
REPORTER- शाहरूख आंनद सर (फिल्म के डायरेक्टर) का कहना है कि आपको कठिन चीजें अपनी ओर खींचती हैं…मतलब आप खुद को हमेशा चैलेंज करने के लिए तैयार रहते हैं…
SHAHRUKH– मुझे ऐसा लगता है कि केवल नाम, शोहरत और पैसे के बल पर खुद को हमेशा एक्साइटिड रखना काफी मुश्किल है…मेरी मां कहती थीं कि चांदी के प्लेट में खाना बेहतर थोड़ी हो जाएगा या पैसे छाती पर बांधकर ऊपर थोड़ी ले जाओगे…और नाम भी हो जाने के बाद क्या हो जाएगा…तो अगर मैं वो ही करता रहूं जो 25-30 साल पहले करता था जब मैं एक्टर बनाना चाहता था…जैसे मेरी बेटी एक्टर बनाना चाहती है और मेरा छोटा बेटा फुटबॉल खेलना चाहता है…जो एक एक्साइटमेंट की शुरूआत की होती है… उसको संभाले रखने के लिए मुझे कुछ नया करना होगा…तो कभी-कभी वो मुश्किल हो जाता है…
REPORTER- जब अबराम ने ट्रेलर देखा तो उनका क्या रिएक्शन था…खासकर आपको बउआ सिंह के कैरक्टर में देखकर…
SHAHRUKH- ट्रेलर को एक ही सैकेंड देखने के बाद उसका interest खत्म हो गया…और उसने बोला अच्छा ये वो फिल्म है जहां आप मेरे जैसा होने की एक्टिंग कर रहे हो…

REPORTER- शुरूआत में इस फिल्म को लेकर आपको काफी नेगेटिव कमेंट मिले…तो आप कैसे लेते थे इन कमेंट्स को ?
SHAHRUKH– हर किसी का अपना एक ओपिनियन होता है…मुझे भी सब फिल्में अच्छी नहीं लगती…लेकिन जब अपने ऊपर आती है तो कई बार हम उसको थोड़ा पर्सनली ले लेते है…तो I think कि जब लोग आप के लिए नेगेटिव होते है कि वो उनका पर्सनल ओपिनियन होता है…हर चीज हर किसी को अच्छी नहीं लगती है…तो फिल्म बनाते वक्त भी हमें अंदाजा रहता है कि किस तरह की ऑडियंस के लिए हम ये फिल्म बना रहे हैं…तो इसलिए आपको अपना बेस्ट देना चाहिए इस उम्मीद के साथ कि लोग उसे पसंद करें…इसलिए मैं ज्यादा पर्सनली नहीं लेता ये सब…
REPORTER- ये श्रीदेवी की आखिरी फिल्म होगी…इस बारे में ज़रा बताएं ?
SHAHRUKH- Actually ये काफी शॉकिंग है…हम लोगों को अबतक यकीन ही नहीं हो रहा कि श्री जी अब हमारे बीच नहीं है…मेरी बोनीजी और उनके परिवार के साथ पूरी संवेदना है…वो जहां भी होंगी सबको हंसा ही रही होंगी…और हमारे लिए सौभाग्य की बात कि इस फिल्म में उनका एक sequence है….
REPORTER- ये फिल्म अधूरेपन को सैलिब्रेट करती है…तो वो क्या एक चीज है जो सुपरस्टार शाहरूख खान को incomplete person बनाती है…और आप उसको कैसे लेते है ?
SHAHRUKH– मेरे हिसाब से हम सब किसी ना किसी तरह से अधूरे हैं…तो अगर मैं ये सोचने लगूं कि जैसा मैं फिल्म में हूं, वैसा ही रियल में तो उससे बड़ा झूठ कोई हो नहीं सकता…क्योंकि मैं बिलकुल भी वैसा नहीं हूं…जैसे मैं अपने परिवार को ज्यादा समय नहीं दे पाता जो मुझे incomplete बनाता है…और भी कई छोटी-छोटी चीजें है जैसे मैं और भी बेहतर पिता, बेहतर पति, बेहतर भाई बन सकता हूं…लेकिन मैं इनके बारे में सोचने की जगह उनको और बेहतर करने की कोशिश करता हूं….
REPORTER- काफी वक्त बाद आप और सलमान किसी गाने में साथ नजर आए हैं…तो कैसे लगा आपको, सेट पर कैसा माहौल रहा ?
SHAHRUKH– काफी मजा आया…जब हम सेट पर थे तो हमने सब जल्दी-जल्दी किया…लेकिन फिर भी हमने काफी मजा किया…

REPORTER- आम इंसान के साथ ऐसा होता है कि जब हम जीरो होते हैं तो हम हीरो बनना चाहते है…और जब हीरो बन जाते है तो जीरो की तरफ जाने का डर सताने लगता है…
SHAHRUKH– नहीं…देखिए ये इस पर डिपेंड करता है कि आप अपनी सफलता को कैसे आंकते हो…उम्र के हर दौर में हम अपनी सफलता अलग तरह से आंकते हैं…तो अगर आप मुझसे पूछते हो तो मैंने अपनी लाइफ के हर स्टेज पर जो चाहा है वो काफी हद तक achieve किया है…परिवार सुखी और स्वस्थ्य है…और मुझे हर तरह का सिनेमा करने का मौका मिल रहा है…तो हां I would say that God has been very kind…
REPORTER- आपने कहा जो छोटा होता है वहीं actual हीरो होता है…तो आपकी लाइफ में कोई ऐसा रहा है तो larger then life नहीं रहा हो…बहुत छोटे लेवल पर रहा हो…
SHAHRUKH-हम सबकी जिंदगी में होते है…जैसे हमारे मां-बाप होते है, हमारे टीचर होते है जो हमें छोटी-छोटी बातों में बहुत कुछ सीखा जाते हैं,जो हमें ताउम्र याद रहती है…तो ये सब हमारी जिंदगी के individual heroes होते हैं..मेरी जिंदगी में मेरी family मेरी सबसे बड़ी हीरो है…
REPORTER- अनुष्का और कैटरीना के साथ आपका कैसा अनुभव रहा ?
SHAHERUKH- अनुष्का बहुत ही अच्छी एक्ट्रेस हैं…काफी Proper है और इस फिल्म में हमें उनकी इस बात का फायदा भी मिला…और कैटरीना बातें बहुत अच्छी करती है…लेकिन वो अपनी खूबसूरती के कारण शायद कहीं ना कहीं उस इमेज में ट्रैप हो गई हैं…लेकिन उनको हमेशा ये इच्छा रहती है कि वो कुछ अलग किस्म का रोल करें…इस रोल के लिए भी उनको कन्विंस करना पड़ा क्योंकि फिल्म में सबसे पहली कास्टिंग कैटरीना की हुई थी…दोनों ने ही काफी बढ़िया काम किया है जो आप फिल्म में देखेंगे…

REPORTER- आनंद सर ने कहा था कि बउआ का किरदार ऐसा हैं जो पहले insult करता है फिर बात करता है…तो आप कभी ऐसे इंसान से मिले है…
SHAHRUKH– नहीं वो insult नहीं करता है…उसका बात करने का तरीका ही ऐसा है…कई लोग ऐसे होते है….और ऐसे लोग दिल के साफ होते है और उन्हे जो सही लगता है वो सीधे-सीधे बोल देते हैं…
REPORTER- कहीं सुना था कि आप और तिगमांशु होस्टल में साथ रहे है…फिल्म में वो आपके पिता के रोल में हैं तो बॉन्डिंग कैसी रही ?
SHAHRUKH– हम फिल्म “दिल से” में साथ थे…मैं, तिगमांशु और शाद अली हम तीनों “दिल से” में साथ थे…तो हम साथ में एक ही रूम में रहते थे…दिल्ली के ही हैं वो दोनों…तो काफी अच्छा रहा….मुझे काफी अच्छा लगा कि वो एक डायरेक्टर हैं लेकिन उन्होने ये रोल किया…

REPORTER- आनंद सर ने कहा था कि आपके और उनके बीच में टीचर और स्टूडेंट जैसा रिलेशन है…दोनों को एक दूसरे से काफी कुछ सीखने को मिला है….तो आपका इस बारे में क्या कहना है ?
SHAHRUKH– आनंद काफी स्वीट है…उन्होने बहुत आसानी से इतनी लंबी फिल्म बना दी…बड़ा इजी सा नेचर है उनका…तो इस तरह का नेचर आपको ये अहसास कराता है कि आप दोनों का सपना एक जैसा है….और अगर आपका ड्रीम एक है तो आप अनजाने ही एक दूसरे को काफी कुछ सीखा जाते हैं…मैं उनके साथ दोबारा काम जरूर करना चाहूंगा…
REPORTER- आप नेक्स्ट मनीष मथाई की अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा की बायोपिक करने जा रहे हैं…तो आपकी राकेश शर्मा को लेकर क्या यादें हैं…क्योंकि ये पहली बार होगा जब आप कोई biopic करेंगे….
SHAHRUKH– जब राकेश शर्मा स्पेस में गए थे तब मैं करीब 19-20 साल का था…तो कुछ चीजें होती है ना आपके जवां दिनों में जो आपको हमेशा याद रहती हैं तो उसी में से एक ये भी था….तो ये काफी सौभाग्यकी बात है कि फिल्म सारे जहां से अच्छा में मैं कोई ऐसा कैरेक्टर कर रहा हूं जो एक Living Legend हैं…और मैं इसके लिए आमिर को शुक्रिया कहूंगा क्योंकि वो इसकी स्क्रिप्ट पर काम कर रहे थे और उन्होने मुझे कहा कि तू ये रोल कर ले, तेरे पर बहुत सूट करेगा…मैं कोशिश करूंगा कि रोल मैं वो dignity ला सकूं जो वो हैं…