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सिनेमा की सोच और उसका सच

बॉलीवुड की हिट पारियां

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फ़िल्म इंडस्ट्री मे टीम के नाम से विख्यात और एक से अधिक बार मंच से साथ काम करने का सफ़ल संजोग देखा गया है| सफ़लता और संजोग का ग्राफ़ इनके एक साथ आ जाने से टिकट खिडकी और लोकप्रियता का ग्राफ़ बना। फ़िल्म निर्माण टीम प्रबंधन, एकजुटता के अभाव मे संभव नही । फ़िल्म को पेशा और व्यवसाय बनाने मे कई श्रेणी और विशिष्टता वाले पेशेवर एक साथ काम करते हैं । जब यह सभी एक साथ एक मंच पर आते हैं और अपने विभागीय कार्य को सफ़लता से अंजाम देते हैं , प्रोडक्शन हिट हो जाता है ।

Yashraj Studios

फ़िल्म निर्माण को अभिनेता- कहानी-लेखक-पटकथा लेखक-छायाकार-निर्माता-निर्देशक और अन्य सभी संभव करते हैं |फ़िल्म निर्माण एक साथ काम करते हुए साझा लक्ष्य प्राप्ति अवधारणा के साथ है। इस साझा अवधारणा के कारण ‘फ़िल्मी दोस्ती’ की परम्परा बालीवुड में आम है |हिट टीम और हिट दोस्ती–हिंदी सिनेमा की विकास यात्रा मे यह चलन इतिहास से लेकर वर्त्तमान समय तक कायम नज़र आता है

Aamir Prasoon Joshi

आमिर खान-प्रसुन जोशी :– आमिर खान और बहुमुखी प्रतिभा के धनी प्रसुन जोशी की दोस्ती ग्लेमर दुनिया के लिए वरदान बनकर आई ।आमिर की ‘परफ़ेक्सनिस्ट’ छवि और प्रसुन के रचनात्मक इच्छाशक्ति ने बिज़नेस के किर्तिमान लिखे। विज्ञापन दुनिया मे कोक से आरंभ हुआ यह साथ फ़िल्म निर्माण मे भी गर्व से कायम है। रंग दे बसंती, फ़ना, तारे ज़मीन पर , गज़िनी जैसी कभी ना बिसरने वाली फ़िल्मों के गीत लिख कर प्रसुन ने आमिर की फ़िल्मों को अलग पहचान दी । विज्ञापन और फ़िल्मो मे सामान रुप से आमिर- प्रसुन जोशी का साथ बना रहा ।

Aamir AR rahman

आमिर खान-ए आर रहमान :- आमिर और संगीत-निर्देशक ए आर रहमान रामगोपाल वर्मा की ‘ रंगीला’ से एक मंच पे आए ।‘मुन्ना’ किरदार निभाकर आमिर ने इंडस्ट्री में तहलका मचा दिया, वहीं रहमान और महबूब ने फ़िल्म संगीत को अव्वल बनाया, आमिर-उर्मिला-रहमान-महबूब-रामगोपाल वर्मा की टीम ने अपने श्रेणी मे अलग फ़िल्म दी। रिकार्ड सफ़लता बाद भी टीम रिपीट नही हुई ना जाने क्यों ? यारों सुन लो ज़्ररा और तन्हा- तन्हा यहां पे जीना ये भी कोई बात’ मधुर याद है| आमिर और रहमान ने अपना साथ ज़ारी रखा, रंगीला से गज़िनी की यात्रा इस दोस्ती का सुखद पडाव है। लगान, रंग दे बसंती, जाने तू या जाने ना, गज़िनी इसी की विजयगाथा हैं। आज़ के दौर के चुनिंदा सुर-लाहिरी मे आमिर—रहमान की फ़िल्मो क शुमार है… ओ मितवा तुझको क्या डर है रे (लगान) यह जो पाठशाला है ( रंग दे बसंती) , कभी-कभी अदिति (जाने तू या जाने ना ) , गुज़ारिश (गज़िनी) मे इस टीम की झलक रही।

Mani Ratnam’s Roja

ए आर रहमान- मणिरतनम:- सलमडाग करोडपति ने रहमान को अभी ‘ग्लोबल’ बनाया, भारतीय दिलों में वह मणिरतनम ‘रोज़ा’ से ही छाए हुए हैं । कश्मीर , आतंकवाद और ज़िंदगी की ‘रोज़ा द रोज़’ आतंकवाद को फ़िल्म का विषय बनाने वाली आरंभिक फ़िल्मों है । कुछ बेहद सुरीले नगमें फ़िल्म की सुनहरी याद ……दिल है छोटा सा छोटी सी आशा, रोज़ा जानेमन , यह हसीन वादियां जैसे गीत हैं । ए आर – मणि की दोस्ती ‘रोज़ा’ से बढकर दिल से, बाम्बे , युवा , गुरु और हालिया रिलीज़ ‘रावण’ तक यह साथ रहा है । रहमान ने अपनी कुछ बेहतरीन धुनें मणिरतनम की फ़िल्मों के ले तैयार किए… अए अजनबी तू भी कभी ( दिल से ) , सतरंगी रे (दिल से ) ,कहना है क्या ( बाम्बे) , दिल से रे ( दिल से ) , तू ही रे ( बाम्बे) और मेघा रे बरसो रे (गुरु) साथ के स्वर्णिम प्रतिनिधि है । रहमान और मणिरतनम जब कभी साथ काम किया उम्दा संगीत दिया ।

Yash Chopra’s Jab tak hai Jaan

शाहरुख खान—यशराज फ़िल्मस:- राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन के बाद यशराज फ़िल्म को नये जगमग सितारे की तलाश थी , सफ़ल टेलीविज़न केरियर और राजु बन गया जेंटेलमैन , दीवाना , बाज़ीगर जैसी फ़िल्मो के साथ शाहरुख मनोरंजन की दुनिया मे ‘धमाकेदार’ शुरुआत दे चुके थे। दो अलग माध्यमों में शानदार सफ़लता से शाहरुख यशराज की स्वाभाविक पसंद बन गए ।शाहरुख में यशराज को भविष्य नज़र आया । दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे से भविष्य दस्तक दे कर, डर,दिल तो पागल है , मोहब्बतें , वीर-ज़ारा, चक दे इंडिया, रब ने बना दी जोडी पर निर्माण पे था। आज के शाहरुख खान मे जो हम हिंदी फ़िल्म जगत का वर्त्तमान देख रहे हैं ।ड्रीममर्चेंट यश चोपडा ने एक दशक पूर्व अपनी नज़रों से देखा लिया था ।

Akshay kumar Priyadarshan

अक्षय कुमार-प्रियदर्शन :- अक्षय – प्रियदर्शन की दोस्ती मनोरंजन की नई परिभाषा लेकर आई , प्रियदर्शन की फ़िल्में ‘मिस्टर खिलाडी’ को सफ़लता के शिखर पे ले गयी । अक्षय का शुमार बॉलीवुड बाक्स-आँफिस जादूगर मे किया जाने लगा, इस साथ से अक्षय ‘लोकप्रिय सिनेमा’ के कामिक स्टार बने हुए हैं। सुहाग , मिस्टर एंड मिसेज़ खिलाडी , यह दिल्लगी से अक्षय को शोहरत तो मिल ही गयी थी । प्रियदर्शन ने ‘स्टार’ की कामिक संभावाना को निखार कर ‘सुपरस्टार’ बनाया। हेरा –फ़ेरी, फ़िर हेरा-फ़ेरी, गरम मशाला, भागम भाग , भूल-भूलैया , दे दना दन मे अक्षय-प्रियदर्शन की दोस्ती कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि सफ़ल रही।

Vipul Shah

अक्षय कुमार-विपुल शाह :- अक्षय कुमार और विपुल शाह की दोस्ती फ़िल्म बिज़नेस के लिए कामयाब रहा है | अपनी पहली फ़िल्म ‘आंखे’ मे ही अक्षय को साइन करने वाले विपुल शाह को कामयाबी मिली। दर्शक और अलोचको दोनो ने फ़िल्म की सराहना की ।एक रिश्ता, वक्त- रेस अगेंस्ट टाईम , नमस्ते लंदन ,सिंग इज़ किंग अक्षय-विपुल साथ की मधुर याद है।

Ritesh Sidhwani Farhan Akhtar

फ़रहान अख्तर –एक्सेल इंटरटेनमेंट :- एक्टर- निर्देशक फ़रहान अख्तर और एक्सेल के रितेश सिधवानी की दोस्ती बॉलीवुड के लिए कामयाब फ़िल्मो का सफ़र लाया | दिल चाहता है , लक्ष्य , डान, राक ऑन , कार्थिक कालिंग कार्थिक, फुकरे ,रईस व गोल्ड सफ़र के पडाव माने जा सकते हैं । स्वर्णिम इतिहास वर्त्तमान के लिए महत्त्वपूर्ण है। इस नज़्रर से फ़रहान- एक्सेल इंटरटेनमेंट टीम को नज़रअंदाज नही किया जा सकता ।

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