द ब्लैक कैट..22 मिनट की शॉर्ट फिल्म है..फिल्म की प्रोड्यूस और डायरेक्ट किया है भार्गव साइक्या ने..भार्गव ने इससे पहले काफ़िरों की नमाज़ को भी प्रोड्यूस किया था..फिल्म में हैं मरहूम टॉम ऑल्टर और शहनाज़ पटेल। ये फिल्म रस्किन बॉन्ड की एक कहानी पर बनायी गयी है।
फिल्म द ब्लैक कैट का रिव्यू करते वक्त इस बात का मैं खास ख्याल रख रहा हूं कि 22 मिनट की इस शॉर्ट फिल्म की कहानी के बारे में कम बात करूं…या कहानी को कम से कम एक्सप्लेन करूं..ये करना फिल्म के लिए ज्यादा फायदेमंद रहेगा…फिल्म द ब्लैक कैट बच्चों की फिल्म है…मगर इसको बनाने के इरादे में कहीं से भी बच्चों की फिल्म है तो बस बना दो टाइप वाली बात नहीं..इसका सेटअप कई बड़ी फीचर फिल्मों को बौना साबित करने वाला है..इसकी स्टोरी टेलिंग फिल्म में शुरु से आखिर तक आपको बनाकर रखती है..इसका बैकग्राउंड स्कोर और दिग्गज कलाकारों की एक्टिंग फिल्म देखते वक्त ये महसूस नहीं होने देगी कि ये शॉर्ट फिल्म है..मेरी राय में ये किसी भी फीचर फिल्म के बराबर की फिल्म है। फिल्म की सबसे खास बात ये है कि फैंटेसी..ड्रामा..और जिन्दगी के बीच फर्क पेश करती है..आप इन सारी बातों को अलग अलग समझ पायेंगे..और बतौर डायरेक्टर ये भार्गव की मेच्योरिटी को दिखाता है..फिल्म का प्रोडक्शन डिजाइन कमाल का है..फिल्म एक थीम सी लगती है जहां एक एक सीन का बैकग्राउंड किसी पेंटिंग से कम नहीं..मुझे ये काम देखकर संजय लीला भंसाली की ब्लैक और गुजारिश की याद आयी..जिसमें ऐसे ही हर सीन एक क्राफ्ट की तरह था। और इन सबसे उपर..इस फिल्म में एक सोल है..ये अहसास है जो इसके आउटस्टैंडिंग एक्टर्स की वजह से और ज्यादा निखर कर आता है..फिल्म को पांच में 4 स्टार्स। ये बच्चों के लिए ही नहीं..हर फिल्म लवर के लिए जरूरी फिल्म है।