रिपोर्टर- सर फ़िल्म का टाइटल ‘दे दे प्यार दे’ है। टाइटल से ऐसा लग रहा है की इसमे प्यार जबरदस्ती लिया है। किस हद तक ये बात सही है, क्या प्यार में दबाव दिया गया है ?
अजय- नहीं, आपको ये गलत लग रहा है। प्यार के लिए कोई फोर्सबाजी नही की गयी है। मुझे लगता है की आपने ये गलत इन्टरप्रेट किया है।
रिपोर्टर- आप उम्र को कैसे देखते हो? आपका उसपर क्या नज़रिया है अपनी निजी ज़िन्दगी में?
अजय देवगन- उम्र बस एक माइंडसेट है।वो बस एक नम्बर है। मेरा बेटा भी यही कहता है। आज हम इंसानो ने ये सब धारणा बनाई है, वर्ना ऊपरवाले ने थोड़ी बोला की हर साल आप ये होंगे? तो आप जो चाहिए आप उस उम्र के हो सकते हो। शारीरिक रूप से आप 30 के हो सकते हो और मानसिक रूप से 60 के। वो बस एक नंबर है और आज 50 की उम्र में आप इतने हेल्थ कॉन्शियस हो जाते हो, तो आज लोग यंग होते जा रहे है। ज़्यादा साल जी रहे है।पहले 55-60 था अब 65-70 हो गया है और लोग 60 साल में आज इतने जवान दिख रहें है। तो वो आपके बायोलॉजिकल केयर पर डिपेंड करता है।
रिपोर्टर – आपकी और तब्बू जी के दोस्ती के काफी चर्चें रहे है। हर फ़िल्म में आपकी जोड़ी बहुत अच्छी लगती है। क्या है इस दोस्ती का राज़?
अजय- कोई राज़ तो नही है। हम इतने साल दोस्त रह चुके है कि हम बहुत आराम से एक दूसरे के साथ रहते है। शायद ये हो सकता है आपका राज़। इससे आगे तो वो एक बेहतररीन अभिनेत्री हैं। वो अपना किरदार बख़ूबी निभाती हैं। मैं अपना काम सही कर लेता हूँ। तो ऐसे ही होता है।
रिपोर्टर- सर एक मजाकिया तौर पर मुझे ये बताइये की हर जोड़ी की जिंदगी में एक ऐसा दिन आता है जब एक दूसरे से कहतें है कि सिर्फ मैं ही हूँ जो तुम्हे झेल सकता हूँ और मेरे अलावा और नही झेल सकेगा कोई। फ़िल्म भी कुछ इसी तरह के लग रही है। तो आपके बीच कुछ कभी ऐसा हुआ है?
अजय- नहीं फिल्म में ऐसा कुछ नही है और देखिए जब आप साथ रहते हैं न तो कोई न कोई परेशानी तो आती ही आती है। पर जब आप साथ हो तो आधे घंटे में उसे भूल जाते हो क्यूंकि प्यार होता है इतना। ये तो ज़िन्दगी का हिस्सा है। दो बहन भी आपस में लड़तीं है, दो जानवर आपस में लड़ते हैं और जी नही सकते एक दूसरे के बिना। थोड़े दुख की बात है, मेरे पास 2 कुत्ते थे फीमेल और मेल। वो एक दुसरे से झगड़ा भी करते थे और अभी कुछ दिन पहले जो फीमेल है वो मर गई तो दूसरे ने खाना तक छोड़ दिया .. तो आप देख रहे हैं ये बात तो हमेशा रहेगी।
रिपोर्टर – फ़िल्म का टॉइलट थोड़ा हल्का और टपोरियों वाला लग रहा है?
अजय- मुझे भी ऐसा लगा था।लेकिन लव रंजन ( फिल्म के लेखक और प्रोड्यूसर) को पूरा विश्वास था कि ट्रेलर के साथ ऐसा कुछ नही लगेगा और मुझे भी ऐसा ही लग रहा हैं। ट्रेलर देख के ऐसा कुछ नही लग रहा। फ़िल्म अच्छी कॉमेडी है ये भरोसा दे रहा हूं।
रिपोर्टर – फ़िल्म में शादीशुदा फैमिली वाला व्यक्ति दिखाया गया है जो शायद अब अपनी पत्नी के साथ नहीं रहता। तो आप अपनी ज़िन्दगी में कैसे मैनेज करते हैं जब काजोल थोड़ी ठीक न हो या वे दबाव में हो कुछ?
अजय- पहले तो ये भी आपको नही पता की होता है क्या, इसके लिए आपको फ़िल्म देखनी पड़ेगी। और ऐसा कभी नही होता की एक की टेंशन दूसरे की टेंशन नही है। जब एक टेंशन में होता है तो दूसरा पूरा सपोर्ट करता है चाहे वो में हूँ या वो। एक समय के बाद बच्चे सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण हो जाते हैं दोनो के लिए तो तभी आप सिर्फ खुद का नही बच्चो का भी सोच रहे होते हैं। तो आप एक दूसरे को सपोर्ट करो। इतनी बार उसे पता होता है कि मैं दबाव में हूँ काम को लेकर तो वो मुझे कुछ दिन अकेला रहने देती है और मैं भी वैसा ही करता हूँ।
रिपोर्टर – जब आप फ़िल्म साइन करते हैं तो क्या कभी ऐसा हुआ है कि आप किसी अभिनेता या अभिनेत्री का नाम मेकर्स को सुझाते हों और उन्हें कास्ट कर किया गया हो?
अजय- कई बार होता है जैसे मैने इस फ़िल्म में कहानी सुनी और मुझसे मेकर्स ने पूछा कि आपको पत्नी के रोल में कौन सही लग फिट लग रहा है..मैने कहा तब्बू और उन्हें भी बात सही लगी।मैने तब्बू को फ़ोन किया कि यार मैने बहुत अच्छी कहानी सुनी है और तू सुन ले और तुझे पसंद आती है तो कर ले।
रिपोर्टर -सर जब हम एक ही फ्रेम में देखते हैं सिंघम, सूर्यवंशी और सिम्बा को जैसे अभी सोशल मीडिया पर आयी थी तस्वीर तो ऐसी चर्चा होती है की कुछ नया आने वाला है?
अजय- शायद हो सकती है। मतलब मुझे लगता है कि ये अभी बहुत जल्दी होगा कहना पर हो सकती है ऐसी उम्मीद रखिए।
रिपोर्टर – जब ऐसी बात होती है कि जो आप विमल गुटका का प्रचार करते है तो वो न करे। आपका कोई कैंसर पीड़ित फैन है उसको आप क्या जवाब देंगे?
अजय- देखिए मैं गुटका का प्रचार नही करता।मेरे कॉन्ट्रैक्ट में लिखा है कि मैं गुटका का नही इलायची का प्रचार करता हूँ ।
रिपोर्टर – आप इंटरनेट पर होने वाली ट्रोलिंग को कैसे देखते हैं जो अभी बहुत होने लग गयी है?
अजय- सबके आपने आपने ख्याल होते हैं।कोई कुछ भी बोलता है आज कल, अगर हम हर चीज़ पर रिएक्ट करने लगे तो उसका कोई फायदा नहीं।सोशल मीडिया ऐसा हो गया है कि बस बोलने के लिए आप बोलते है। आप कितनी बार पढ़ते हैं की कितनी अभिनेत्रियों को ट्रोल कर रहै हैं और अगर इन ट्रॉल्स को हम सीरियसली लेने लगें न तो कोई फायदा ही नही है।मुझे ऐसा लगता है की जो लोग ये करते हैं न वो अजीब है थोड़े नार्मल लोग नही हैं।
रिपोर्टर – आपने देखा होगा कि अभी तक अभिनेता नही बोलते थे चुनाव के दौरान मगर आज खुल के पार्टियों के लिए प्रचार किये जा रहे है। दो खेमो में बॉलीवुड बंटा हुआ है।इसपर क्या खयाल है?
अजय- मुझे लगता है हमेशा से ही बंटा हुआ था। इस बार बस खुल कर बात कर रहे हैं। सबको हक़ है बात करने का अगर आपको किसी को सपोर्ट करना है तो कर सकते हैं। ऐसे ही अभिनेताओं को भी हक़ है कि वो जिसे चाहे सपोर्ट करें।
रिपोर्टर – -और तानाजी कैसी बन रही है?
अजय -मुझे लग रहा है कि बहुत बढिया बन रही है ..जो भी मैने देखा है उसके हिसाब से फिल्म काफी शानदार तौर पर ऊभर कर आ रही है।
रिपोर्टर –अजय सर आज तक आपने अपनी रियल उम्र नही प्ले की है। तो आपको पहली बार अपनी सही उम्र स्क्रीन पर दर्शाते हुए कैसा लग रहा है?
अजय- ऐसा नहीं है। मैने दृश्यम में भी रियल उम्र का ही किरदार किया था। उसमे बोला नही गया था की ये 50 साल का है पर उम्र तो उसी के आस पास थी ना। आप खुद समझदार हो अगर वो एक बेटी का बाप प्ले कर रहा है तो क्या होगा?
रिपोर्टर – आप असल ज़िन्दगी में पिता हैं तो क्या आप अपने बच्चो की संगत और दोस्तों को लेकर कभी चिंता करते हैं?
अजय- वो तो हर पिता करता है। हर आदमी को अपने बच्चो की चिंता होती है…हां ये अलग बात है कि कुछ जायज फिक्र होती है और कुछ नाजायज़ भी होती है। पैरेंट हैं तो ज़्यादा सोचते है। ये तो सबके साथ होता होगा।
रिपोर्टर – आगे की फिल्मो के बारे में भी बता दीजिये एक बार। आपके फैंस बहुत उत्सुक है।
अजय- इसके बाद तानाजी रिलीज़ होगी। फिर बोनी कपूरजी की फ़िल्म है फुटबॉल पर.. स्पोर्ट्स बैकग्राउंड है उसका..फिर काफी अलग फिल्म भुज भी पाइपलाइन में है। पहले ये तीन फिल्मे करूँगा फिर आगे। और खुद की फिल्म डायरेक्ट करने पर भी काम चल रहा है.