Bengali Movie Review “Konttho” : कैंसर से ल़ड़ते एक RJ की भावुक कहानी
फिल्मसिटी वर्ल्ड लेकर आया है फिल्म कोंथों की समीक्षा....
RATING : 3.5/5
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कोंठों एक बंगाली फ़िल्म है जो हमें एक कैंसर की बीमारी से लड़ते एक व्यक्ति की कहानी दिखाती है। फ़िल्म एक आरजे, अर्जुन मुल्लिक, जिससे गले का कैंसर होता है, उसकी कहानी है.. कैंसर के दौरान और उसके बाद अपनी ज़िन्दगी अपने दम पर जीने की लड़ाई को दर्शाती है फिल्म। फ़िल्म बहुत ही इमोशनल और खूबसूरत है। कलकत्ता में बनाई ये फ़िल्म हर उस व्यक्ति की कहानी बताता है जो कैंसर जैसे भीषण रोग से जीता और आज अपनी ज़िन्दगी बाकी लोगो के साथ आम तरीके से बिताना चाहता है।
फ़िल्म का स्क्रीनप्ले बड़े ही खूबसूरती से लिखा गया है। नंदिता रॉय का निर्देशन भी बिल्कुल सही है। उन्होंने अच्छे तरीके से कहानी को दर्शाया है जिससे फ़िल्म और भी ऊंचाइयों को छू रही है। डायरेक्शन के साथ साथ फ़िल्म के डॉयलोग बजी बड़े सुंदर है। ऐसी के पंक्तिया है जो दिल को छू जाती है।
फ़िल्म के लीड एक्टर सिबूप्रसाद मुखर्जी एक प्रसिध्द अभिनेता है और इस फ़िल्म में उनका अभिनय सबसे बेस्ट फॉर्म में देखने मिक्ता है। वे एक कैंसर सर्वाइवर का रोल बखूबी निभाते है। उनके साथ साथ पॉली दाम और जया अहसान है। पॉली उनकी पत्नी का किरीदार शानदार तरीके से निभाती है और जया एक स्पीच थ्रेअपिस्ट होती है। सभी अभिनेताओ ने फ़िल्म में अच्छा काम किया है।
गाने बड़े ही खूबसूरत और दिल छू जाने वाले है। वे सही समय पर आते है। बैकग्राउंड स्कोर भी ठीक ही है। फ़िल्म के इफेक्ट्स और मेकअप बेलिएवरबले और अच्छे है।
पूरी फ़िल्म देखने लायक है और एक आशा और मेहनतकी कहानी बताती है। ये उन लोगों को आशा देती है जो इटनर भीषण रोग से गुज़रते है। ज़रूर देखनी चाहिए ये फ़िल्म।